बचपन की यादों में शामिल 2003 में आयी फिल्म ‘कोई मिल गया’ आपने जरूर देखी होगी। इस फिल्म में इंसान और एलियन की दोस्ती की कहानी दिखाई गयी थी। फिल्म कृष भी कोई मिल गया फिल्म का दूसरा पार्ट है। इस फिल्म ने खासतौर पर बच्चों की दुनिआ में जगह बनाई और वाहवाही बटोरी। उसका जादू अब भी आपके जेहन में होगा। हालांकि जादू के मुंह से बस एक शब्द ‘धूप’ ही सुना है, लेकिन फिल्म के बाद फैन फॉलोविंग में वो रितिक रोशन और प्रीति ज़िंटा को भी टक्कर दे सकता था। लेकिन वो कलाकार कहीं खो गया। किसी ने भी उसके बारे में जानने की कोशिश तक नहीं की। यहाँ तक की कोई मिल गया विकिपीडिया पेज पर कास्ट क्रू में भी उस कलाकार का जिक्र तक नहीं है। अभी तक सब उसे कंप्यूटर द्वारा तैयार ही समझते हैं। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की उस जादू के पीछे भी एक कलाकार था।
सबसे पहले बात करते हैं उस कास्टूम की तो ऋतिक ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस फिल्म के लिए जादू का कॉस्ट्यूम ऑस्ट्रेलिया से बनवाया गया था। जेम्स कॉलनर नाम के आर्टिस्ट ने इसे डिजाइन किया था। इस कॉस्ट्यूम को बनाने में एक साल का वक्त लगा था। इसमें कई स्पेशल फीचर्स थे। जैसे इसकी आंखें इंसान और जानवर दोनों से प्रभावित होकर बनाई गई थीं। रिपोर्ट्स की मानें तो इस ड्रेस की कीमत करीब एक करोड़ रुपए थी। इस कास्टूम का वजन 15 किलो था।
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तो चलिए आइये अब जानते हैं उस एक्टर के बारे में जिसने ‘कोई मिल गया’ फिल्म में जादू का रोल किया था। उस कलाकार का नाम था इंद्रवदन पुरोहित। इंद्रवदन वर्ष 1976 से फिल्मों में एक्टिव रहे। उनके खाते में हिंदी, गुजराती और मराठी समेत 30 से ज़्यादा फिल्में हैं। उन्होंने 2001 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स- द फेलोशिप ऑफ द रिंग’ में भी काम किया था। इसमें इंद्रवदन ने स्क्रीन पर एक किरदार का बॉडी डबल प्ले किया था। ‘बॉडी डबल’ मतलब किसी किरदार को ऐसे सीन में निभाना, जहां उसकी शक्ल नहीं दिखाई देती. इस तरह की चीज़ें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में भी बहुत प्रचलित है। कई बार खतरनाक स्टंट करने के लिए स्टार्स की कद-काठी के इंसान का इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने 1986 में आयी फिल्म विधान में भी काम किया था जिसमे उनके साथ थे विजय अरोरा यानी की रामायण के मेघनाद। 1996 में Ganpati Bappa Morya(1996) में भी काम किया जिसमे उनके साथ थे श्रीकांत सोनी, अरविन्द त्रिवेदी यानी की रामायण के रावण और नलिन दवे यानी की रामायण के कुम्भकरण।
इसके अलावा इंद्रवदन टीवी पर भी काफी दिखाई देते थे। आखिरी बार उन्हें सब टीवी पर आने वाले बच्चों के शो ‘बालवीर’ में ‘डूबा डूबा’ नाम का किरदार निभाते देखा गया था।
वर्ष 2003 में आयी फिल्म कोई मिल गया में इन्हे जादू का रोल इनकी हाइट की वजह से मिला था। ‘कोई मिल गया’ के बारे में कहा जाता है कि फिल्म के डायरेक्टर और रितिक के पापा राकेश रोशन अपने इस किरदार को पब्लिक से छुपा कर रखना चाहते थे। इस किरदार के लिए इंद्रवदन को 3 महीने लगातार 8 घंटे की कठिन शिफ्ट करनी पड़ी। इस कास्टूम को पहनने के बाद दिखना तो दूर कुछ सुनाई भी नहीं देता था और वेंटिलेशन की समस्या से भी गुजरना पड़ा था।
वर्ष 2003 में आयी फिल्म कोई मिल गया में इन्हे जादू का रोल इनकी हाइट की वजह से मिला था। ‘कोई मिल गया’ के बारे में कहा जाता है कि फिल्म के डायरेक्टर और रितिक के पापा राकेश रोशन अपने इस किरदार को पब्लिक से छुपा कर रखना चाहते थे। इस किरदार के लिए इंद्रवदन को 3 महीने लगातार 8 घंटे की कठिन शिफ्ट करनी पड़ी। इस कास्टूम को पहनने के बाद दिखना तो दूर कुछ सुनाई भी नहीं देता था और वेंटिलेशन की समस्या से भी गुजरना पड़ा था।
फिल्म कोई मिल गया की रिलीज़ के 14 साल बाद यानी 28 सितंबर 2014 में इंद्रवदन पुरोहित का निधन हो गया।
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