1987 के दौर का सबसे प्रसिद्द धारावाहिक था रामायण। रामायण के प्रसारण के दौरान कर्फ्यू लगने जैसी स्तिथि हो जाती थी। गलियां सूनसान, कई घरों में से सिर्फ एक घर में टीवी, सब लोगों के एक साथ बैठकर टीवी देखना। सोच कर देखिये कितना सुन्दर दृश्य होता होगा। इन सब में ख़ास थे रामायण के कलाकार जिन्हे लोगों ने पलकों में और ह्रदय के अंतर की गहराहयों में बिठा लिया।
इसी रामायण के पत्रों में एक पात्र है भरत का। इस किरदार को निभाया था संजय जोग जी ने। संजय जी को भरत के चित्रण के लिए दर्शकों द्वारा बहुत सराहा और पसंद किया गया। बिल्होरी आँखे, शांत चेहरा, सरल स्वाभाव, उनकी पहचान थी। कहा जाता है की इनकी आँखों में एक आकर्षण था और इनका स्वाभाव बहोत सरल था। इसी सरलता के चलते इन्हे रामायण में भरत का किरदार मिला था। इनकी आँखों में वो दर्द था जिसे लेकर वो राम को अयोध्या वापस लाने चित्रकूट गए थे। अगर रामानंद जी को रामायण में कोई पात्र सबसे पसंद था तो वो था भरत का पात्र। जिसका उल्लेख उन्होंने रामायण के प्रसारण के दौरान भी किया था।
संजय जोग टी वी धारावाहिक रामायण मे भरत की भूूमिका के लिये जाने जातेे हैं। संजय जोग 1980 और 1990 के दशक के दौरान एक बहुत लोकप्रिय टीवी अभिनेता थे जिन्होंने बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में भी काम किया है। रामायण भगवान् राम के जीवन की घटनाओ उनके चरित्र को संजोय हुए है। भरत राम के छोटे भाइयों में से एक थे, जिन्होंने उन्हें अयोध्या के राज्य में लौटने और अपने सिंहासन को संभालने के लिए राजी किया था।
संजय जोग का जन्म 24.09.1955 को नागपुर महाराष्ट्र में हुआ था। इन्होने अपना बचपन पुणे में बिताया। 10वीं पास करके ये वापिस नागपुर आ गए। संजय जी मुंबई हीरो बनने नहीं आये थे। वो यहाँ पढाई करने आये थे। उन्होंने अपनी B.Sc मुंबई के एल्फिंस्टोन कॉलेज से पूरी की थी। फिल्मालया से एक्टिंग में एक कोर्स किया था। संजय जी का सपना एयरफोर्स में पायलट बनने का था। परन्तु 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में इसके एक रिश्तेदार का देहांत हो गया। जिसके चलते परिवार ने इन्हे एयरफोर्स में जाने से मना कर दिया। हिंदी इंग्लिश के अलावा इन्हे 5 भाषाओं का ज्ञान था। संजय जी की शादी नीता जी से हुई थी। संजय जी की वाइफ यानी नीता जी एक वकील थी और नीता जी के पिता जी भी वकील थे। इनके दो बच्चे हैं रणजीत और नताशा।
इन्होने अपनी फ़िल्मी करियर के शुरुआत एक मराठी फिल्म सांपला से की थी जिसमे इनके अपोजिट अनुपमा जी थी। ये फिल्म ज्यादा नहीं चली इसलिए ये वापिस नागपुर आ गए। नागपुर आकर ये खेती के काम में लग गए। कुछ समय बाद ये खेती के कुछ काम से जब पुनः वापस मुंबई आये तो इन्हे एक मल्टीस्टारर फिल्म जिद्द में काम करने का मौका मिला। फिल्म जिद्द सुपरहिट रही। इस फिल्म ने इनको स्टार बना दिया। इसके बाद इन्होने लगातार 28 से 30 मराठी फिल्मो में काम किया। जिसमे शामिल थी गोंधालत गोंदल और मै बाप जैसी हिट फिल्में। उन्होंने कुछ गुजरती फिल्मो में भी काम किया। जिसमें डिक्री चली सस्सारिये शामिल हैं, जहाँ उन्होंने नकारात्मक किरदारों के साथ एक किरदार निभाया। हिंदी फिल्मो की बात करें तो इन्हे अनिल कुमार स्टारर फिल्म जिगरवाला में साथ काम करने का मौका मिला। इस फिल्म के अलावा उन्होंने अपना घर , हमशकल , मुठभेड़ जैसी बेहतरीन हिंदी फिल्मो में भी काम किया।
अब बात करते हैं की इन्हे रामायण में भरत का किरदार कैसे मिला था। ये रामायण से पहले गुजराती फिल्म मायाबाज़ार में काम कर चुके थे। इस फिल्म में इन्होने अभिमन्यु का किरदार निभाया था। गोपाल दादा उस समय इस फिल्म के मेकअप मैन थे। रामायण में भी गोपाल दादा ही मेकअप मैन का काम कर रहे थे। उन्होंने ही संजय जी को रामानंद सागर जी से मिलने का सुझाव दिया था। रामानंद सागर जी ने इन्हे पहले लक्ष्मण का किरदार करने को कहा था। समय की व्यस्तता के चलते इन्होने लक्ष्मण के किरदार के लिए मना कर दिया था। रामानंद सागर जी ने इन्हे फिर भरत का किरदार निभाने को कहा। जिसके लिए इन्होने हामी भर दी। इस किरदार को निभा कर संजय जोग हमेशा के लिए अमर हो गए।
इनका सपना था की जब ये फ़िल्मी दुनिया को बाय बाय बोलेंगे उसके बाद ये पुणे में कुछ जमीन लेकर वहां खेती बाड़ी करेंगे। लेकिन अफ़सोस की इनका सपना अधूरा रह गया। आपको जानकर दुःख भी होगा और आश्चर्य भी की रामायण के भरत यानी की संजय जोग अब इस दुनिया में नहीं हैं। संजय जोग का निधन लिवर फेल हो जाने के कारण 27.11.1995 को हुआ था।
1994 में आयी फिल्म बेटा हो तो ऐसा इनकी अंतिम फिल्म थी। लगभग 50 फिल्मों में इन्होने काम किया था। 1980 में इन्होने स्टेज पर परफॉर्म भी किया था। जिसमे इन्होने महाभारत के शकुनि मामा का किरदार निभाया था। उनके बेटे रणजीत जोग उस समय हाई स्कूल में थे जब संजय जी का देहांत हुआ। संजय जी के देहांत के उपरांत उनकी पत्नी बच्चों को लेकर वापस नागपुर चली गयीं और दोबारा अपनी वकालत शुरू की और अपने साथ साथ अपने बच्चों को भी सफल बनाया।
रणजीत जोग मराठी फिल्मों के जाने माने अभिनेता हैं। इसके अलावा उन्होंने कई सारे टीवी धारावाहिक में भी काम किया है। संजय जोग जी के बारे में जानकारी नेट पर कम ही उपलब्ध है। और जो है उसमे ज्यादातर अफवाहें हैं। कुछ दिन पहले एक शख्स जिनकी तस्वीर वायरल हुई थी कहा गया की यही वो संजय जोग हैं जिन्होंने रामायण में भरत का किरदार निभाया था। ये खबर सरासर गलत थी। इसमें भी दुखद यह रहा की 1990 के दसक के हाई प्रोफाइल एक्टर को इतनी आसानी से भुला दिया गया। इसी कारन से इस तरह की अफवाह बहोत तेजी से फैलती है। जोकि बिलकुल उचित नहीं है।
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