वर्ष 1987 में शुरू हुई रामायण की प्रसिद्धि को देखकर B.R. चोपड़ा ने 1988 में महाभारत धारावाहिक की शुरुआत की। 2 अक्टूबर 1988 को शुरू हुई महाभारत को भी लोगों ने उतना ही प्यार दिया जितना की रामायण को। जहाँ रामायण को रविंद्र जैन ने संगीतबद्ध किया तो वहीँ महाभारत को महेंद्र कपूर ने। टीवी पर अगर किसी ने पहली बार विराट रूप के दर्शन कराये तो वो थी B.R. चोपड़ा की महाभारत। महाभारत के कलाकारों ने पात्रों का किरदार ऐसे निभाया की वो अमर हो गए। इन सब में खास था श्री कृष्ण का किरदार। जो पूरी महाभारत के धुरी थे। कृष्ण के किरदार को जिस कलाकार ने जीवंत किया। उनका नाम है नितीश भरद्वाज। नीतीश भारद्वाज ने बी आर चोपड़ा के महाभारत में श्रीकृष्ण की भूमिका में ऐसी जान डाली कि लोग उनकी ही तस्वीर को कृष्ण मान पूजने लगे। घर-घर में वह बेहद लोकप्रिय हो गए। ये जिधर जाते लोग इन्हें कृष्ण कहकर ही बुलाते थे।
नितीश भरद्वाज का जन्म 2 जून 1963 को महाराष्ट्र में हुआ था। नितीश भारद्वाज को बचपन से ही अभिनय का शौक था। इनका परिवार चाहता था की ये एक डॉक्टर बने। उन्होंने मुंबई के वेटरनरी कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई की, लेकिन इस पेशे में उनका मन नहीं लगा। इसके बाद ही वह वर्ष 1987 में अभिनय की दुनिया में प्रवेश कर गए। वहीं निजी जिदंगी में नीतीश ने मोनिषा पाटिल से 1991 में पहली शादी की। इसके बाद 2008 में मप्र कैडर की आईएएस स्मिता गाटे से इन्होंने दूसरी शादी की। आज ये अपने परिवार के साथ एक हैप्पी मैरिज लाइफ जी रहे हैं। आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नीतीश भारद्वाज ने बॉम्बे दूरदर्शन में अनाउंसर और न्यूज रीडर की नौकरी भी की।
बॉम्बे वेटेरिनरी कॉलेज से जानवरों के डॉक्टर की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार ने डाक्टरी की पटरी छोड़कर मराठी थिएटर का रास्ता पकड़ लिया था. नीतीश ने साल 1987 में पहली मराठी फीचर फिल्म खात्याल सासू नथाल सून की। इसके बाद तृषाग्नि,संगीत, प्रेम दान, प्रेम शक्ति जैसी अनेको हिंदी फिल्मों में दमदार अभिनय किया।
इसके बाद 1989 में उनकी जिंदगी में ऐसा टर्न आया कि वह नीतीश से श्रीकृष्ण के तौर पर पहचाने जाने लगे।बीआर चोपड़ा की महाभारत शुरू हुई तो प्रोड्यूसर्स ने किसी और को कृष्ण के रोल के लिए चुन लिया था। लेकिन लेखक राही मासूम रजा, कॉन्सेप्चुअल एडवाइजर पंडित नरेंद्र शर्मा और रवि चोपड़ा को वो जमा नहीं। तो नरेंद्र शर्मा के दिमाग में नीतीश भरद्वाज का नाम आया। उन्होंने नीतीश को अपने घर बुलाया। कहा कि जो भी कृष्ण के बारे में जानते हो वो बताओ। बताते बताते तीन घंटे बीत गए. नरेंद्र शर्मा को यकीन हो गया कि इस आदमी को काफी मालूम है। तो कहा कि अब ये रोल तुम कर जाओ। इस तरह नीतीश को कृष्ण का रोल मिला, भारत के सबसे बड़े महाकाव्य पर बनने वाले शो महाभारत में। सीरियल शुरू हो चुका था और देश भर में लोगों के मनोरंजन और आस्था का केंद्र बन गया था।
ऐसे ही एक दिन की कहानी नीतीश बताते हैं कि जयपुर में कुरुक्षेत्र बना हुआ था। यानी कुरुक्षेत्र का सेट जयपुर में लगा हुआ था। कौरवों पांडवों में धुंआधार लड़ाई चल रही थी। उस दिन कृष्ण का यानी नीतीश का कोई सीक्वेंस शूट शेड्यूल नहीं था। तो वो अपने बेस कैंप पर आराम फरमा रहे थे। तभी कैमरा पर्सन धर्म चोपड़ा आए और उनको गाड़ी में बिठाकर ले गए। कहा कि गांव वाले घेरकर खड़े हैं कि जब तक हमको श्रीकृष्ण के दर्शन नहीं कराओगे, शूटिंग शुरू नहीं होने देंगे।
महाभारत के बाद नीतीश भारद्वाज विष्णु पुराण, रामायण जैसे और कई दूसरे धार्मिक धारावाहिकों में काम कर चुके हैं। हिंदी व मराठी इंडस्ट्री में अभिनय के अलावा नीतीश भारद्वाज राजनीति की दुनिया में भी अपने हाथ आजमाने उतरे। 1996 में जब अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार पीएम बने थे तब नीतीश जमशेदपुर से लोकसभा चुनाव जीत संसद पहुंचे। हालांकि यहां पर उन्हें इतनी ज्यादा सफलता नहीं मिली। 1996 में वह जमशेदपुर से सांसद हुए। इसके बाद मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नीतीश को मप्र पर्यटन निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। हालांकि उन्होंने साल भर में ही राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने कहा था कि जो वो राजनीति में रहकर करना चाहते हैं वो तो वह फिल्मों के माध्यम से भी कर सकते हैं।
वहीं 2004 में एक बार फिर वह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव के मैदान में उतरे। इसमें उनका मुकाबला दिग्विजय सिह के भाई लक्ष्मण सिंह से था। जिसमें नीतीश हार गए। वहीं मध्यप्रदेश की राजनीति में उन्हें कई उतार चढ़ाव देखने पड़े। जिससे वह काफी दुखी भी हुए और यहां की राजनीति से दूरी बना ली। राजनीति के बाद एक बार फिर वह पूरी तरह से अभिनय की दुनिया में रम गए। रितिक रोशन की फिल्म मोहेनजो दारो में भी उन्होंने काम किया। इसमें इन्होने 'दुर्जन' के रूप में उन्होंने रितिक रोशन के किरदार को पाल पोस कर बड़ा किया था। फिलहाल वह फिल्मों और थिएटर में व्यस्त हैं। उनकी आखिरी हिंदी फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई केदारनाथ थी। जिसमे उनके साथ सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत थे। इसके अलावा वह बायोपिक और कॉमेडी फिल्में करने के लिए भी एक्साइटेड हैं।
0 टिप्पणियाँ