किसी भी क्रिकेट खिलाडी के लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप में खेलना सपना होता है। और ये सपना तब और कीमती हो जाता है जब वर्ल्ड कप जिताने के लिए वो आखिरी विजयी प्रयास उस खिलाडी की ओर से हो। ये सपना जिस खिलाडी का पूरा हुआ उस क्रिकेट खिलाडी का नाम है जोगिन्दर शर्मा। इस वीडियो में जानेंगे उनके करियर और वर्तमान के बारे में। वो कहाँ हैं और क्या कर रहे हैं ? उस से पहले आपसे रिक्वेस्ट है वीडियो को पूरा देखें चैनल सब्सक्राइब करें वीडियो पसंद आया हो तो लाइक और कमेंट जरूर करें।
भारतीय क्रिकेट खिलाडी जोगिन्दर शर्मा का पूरा नाम जोगिंदर नाथ शर्मा है। इनका जन्म 23 अक्टूबर 1983 को हरियाणा के रोहतक में हुआ था। इनके पिता का नाम ओम प्रकाश शर्मा और माता का नाम शशि देवी है। जोगिन्दर बहुत ही साधारण परिवार से तालुक रखते हैं।
क्रिकेट में जोगिंदर के करियर की शुरूआत 2002-03 के रणजी ट्राफी से हुई थी। अपने फर्स्ट रणजी ट्राफी में ही उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस मैच में इन्होंने 81 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। इसके बाद इन्होंने जल्द ही सीमित ओवरों के घरेलू खेल में भी शुरुआत कर दी थी। जोगिंदर शर्मा ने इस रणजी ट्रॉफी के सीजन में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था और पूरे सीजन में 17.41 की गेंदबाजी औसत से 24 विकेट लिए थे इसके अलावा 86.66 की बल्लेबाजी औसत से बेहतरीन 280 रन भी इस सीजन में बनाये थे। इसके बाद इन्होंने 2003-04 के रणजी ट्रॉफी सीजन में एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन करते हुए 68.51 की बल्लेबाजी औसत से 148 रन बनाए थे साथ ही शर्मा ने गेंदबाजी में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया था और 23.39 की गेंदबाजी औसत से 23 विकेट चटकाए थे। इस प्रकार 2002 और 2003 की रणजी ट्रॉफियों में जबरदस्त प्रदर्शन करने लिए इन्हें दिलीप ट्रॉफी में नॉर्थ ज़ोन क्रिकेट टीम में शामिल किया गया था। जिसमें इन्होंने वेस्ट ज़ोन क्रिकेट टीम के खिलाफ 49 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे।
जोगिंदर शर्मा के निरन्तर अच्छे प्रदर्शन के कारण इन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट स्तर पर भारत ए क्रिकेट टीम में जगह दी और उन्होंने एक मैच बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम पर खेला गया था जिसमें शर्मा ने राहुल द्रविड़ ,वीवीएस लक्ष्मण तथा युवराज सिंह जैसे क्रिकेट खिलाड़ियों का शिकार किया था।
इसके बाद इन्होंने 2004-05 की रणजी ट्रॉफी में शानदार बल्लेबाजी से दो बेहतरीन शतक बनाये थे साथ ही गेंदबाजी में भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए कुल 14 विकेट लिए थे। इसके साथ ही आखिर कर जोगिंदर शर्मा ने चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया और इन्हें बांग्लादेश के साथ होने वाली शृंखला के लिए इन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में चुन लिया गया था, इसी प्रकार जोगिन्दर शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी दोनों ने एक साथ क्रिकेट की शुरुआत की थी। इसके बाद शर्मा ने बांग्लादेश के खिलाफ एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच में अच्छी बल्लेबाजी करते हुए मैच में 34 रनों की पारी खेली थी। हालांकि गेंदबाजी में कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे और उस वनडे सीरीज से बाहर कर दिए गए थे। लेकिन शर्मा 2005-06 की दिलीप ट्रॉफी प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा गेंदबाजी औसत के साथ सबसे ऊपर रहे थे।
इस प्रकार जोगिंदर शर्मा ने अच्छा प्रदर्शन किया और एक बार फिर बीसीसीआई के चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया और इनका चयन दक्षिण अफ्रीका की धरती पर हुए प्रथम आईसीसी विश्व ट्वेन्टी 20 विश्व कप में 2007 में खेलने का मौका मिला था।
इसके बाद इनके जीवन में आया वो मौका जिसके लिए इन्हे हमेशा याद किया जायेगा। साल 2007 में टी 20 विश्वकप के दौरान ये भारतीय टीम का हिस्सा थे। पाकिस्तान दूसरी पारी खेल रहा था और आखिरी ओवर में जीत के लिए चाहिए थे 13 रन। बैटिंग कर रहे थे मिस्बाह उल हक़। इस मैच के भारतीय कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी। धोनी ने इस मैच का आखिरी ओवर जोगिन्दर शर्मा को थमाया। पहली ही गेंद वाइट, दोबारा करने पर खली यानी कुल मिला कर एक रन। दूसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक़ ने छक्का जड़ दिया। छक्का पड़ते ही क्रिकेट प्रशंसकों की दिलों की धड़कन तेज हो गयी। अब चाहिए थे 4 गेंद में महज 6 रन। इस समय पाकिस्तान बाजी मारता दिख रहा था। जोगिन्दर शर्मा के पिताजी जी अपनी पान की दूकान बंद करके घर चले गए। कारण था कही ऐसा ना हो पकिस्तान मैच जीत जाए और उनके बेटे को कारण मान कर क्रिकेट प्रसंसक उनपर कोई हमला कर बैठें। खैर जोगिन्दर सिंह की मेहनत, धैर्य और धोनी की तरफ से हौसला अफजाई काम आयी और तीसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक़ ने छक्का मारने के लिए स्कूप शॉट खेला। मगर इस बार गेंद हवा में ऊँची चली गयी और फाइन लेग पर खड़े शांतकुमारन श्रीसंत के सीधा हाथों में समा गयी और भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम को हरा दिया था। ये ऐतिहासिक छड़ हमेसा के लिए आंकड़ों में दर्ज हो गया। इसके बाद जोगिंदर शर्मा को अपने शानदार प्रदर्शन के लिए हरियाणा की राज्य सरकार ने 21 लाख रुपये का कैश इनाम भी दिया था।
इनकी निजी जिंदगी की बात करें तो वर्ल्ड कप के बाद इनकी शादी हो गयी और आज इनके दो बेटे भी हैं। साल 2011 में जोगिन्दर का खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था। इस एक्सीडेंट में उनके सिर पर गहरी चोट लगी थी और डॉक्टर्स ने उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन जोगिंदर ने वापसी करते हुए मौत को हरा दिया। उसके बाद डोमेस्टिक क्रिकेट और आईपीएल में भी खेले। इसके बाद इन्होने क्रिकेट से किनारा कर लिया और हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद को ज्वाइन किया। फिलहाल ये हिसार के DSP हैं। इनके पिताजी अभी तक भी पान की दूकान चलाते रहे हैं । वर्ष 2017 में अज्ञात चोरों ने इनके पिताजी पर चाकुओं से हमला भी किया था जिसमे इनके पिताजी को काफी चोटें भी आयी थी।
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1 टिप्पणियाँ
अच्छा लेख, धन्यवाद आप अद्भुत जीवनी साझा करते हैं।
जवाब देंहटाएंआप यहां सुरेश रैना की जीवनी पढ़ सकते हैं