रविवार की सुबह 9 बजे टीवी से चिपके लोग और टीवी पर मासूम सी मुस्कान के साथ भगवान श्री कृष्ण का दमकता हुआ चेहरा हर किसी के जेहन में ताजा होगा। भगवान श्री कृष्ण के इस किरदार को जिन्होंने निभाया था उनका नाम है सर्वदमन डी बनर्जी। उनकी लाजवाब एक्टिंग और मनमोहक मुस्कान की दुनिया आज भी दीवानी है।
सर्वदमन डी बनर्जी का जन्म 14 मार्च 1965 को मगरवारा, जिला उन्नाओ उत्तर प्रदेश में हुआ था। कानपूर के St. Aloysius School में इनकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई। जब वो 9th और 10th क्लास में रहे होंगे तभी उन्होंने तय कर लिया था की वो अभिनेता बनेंगे। उस समय उनका 3 -4 दोस्तों का ग्रुप था। उस समय उन्होंने मिलके 40 से 50 मिनट की फिल्म बनाई थी। इनका मन बचपन से ही अद्ध्यात्म में लगता था। 5 वर्ष की उम्र तक ये किसी से बात भी नहीं करते थे। लोग सोचते थे की ये गुंगा है। प्रारंभिक शिक्षा के बाद इन्होने पुणे के फिल्म इंस्टिट्यूट FTII से ग्रेजुएशन किया।
इनकी निजी जिंदगी की बात करें तो इनकी शादी सुनीता से हुई थी जो की एक डॉक्टर हैं। मगर अफ़सोस की ये शादी 14 वर्ष तक चली और टूट गयी। इनकी एक बेटी भी है और वो एक डॉक्टर है। फिटनेस के लिए जिम भी जाते हैं। जापान के अकीरा कुरोसावा उनके फेवरिट फिल्म डायरेक्टर हैं। उनके बारे में ख़ास बात ये है की वे बहुत कम फिल्मे देखते हैं।
जब उन्होंने फिल्म अमर प्रेम देखी तो वे बहुत रोये। फिल्म देख कर बाहर आये और फिर से टिकट लिया और फिर फिल्म देखने लगे। फिल्म में राजेश खन्ना का पात्र उनको बहुत पसंद आया। ये किरदार उनपर इतना हावी हो गया की वो वैसा बनने की सोचने लगे। वो सोचने लगे की में इतना अच्छा आदमी तो नहीं बन सकता लेकिन अभिनेता बनू तो कम से कम ऐसे किरदार तो निभा ही सकता हूँ और उनपर भगवान् की ऐसी कृपा हुई की फिल्म इंस्टिट्यूट से निकलने के बाद 1981 में उन्हें पहली फिल्म आदि शंकराचार्य करने को मिली जो दुनिया में नामी ज्ञानी संत थे। जिन आदि शंकराचार्य के कारण हिन्दू समाज को सही दिशा मिली। इस फिल्म के लिए उन्होंने सर मुंडवाया था और 2.5 वर्ष तक नंगे पैर ही घूमते थे कोई मेकअप नहीं करते थे। इस फिल्म को 4 बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
उसके बाद फिल्म वल्लभाचार्य गुरु, श्री दत्ता दर्शनम भी की। फिर उन्होंने डायरेक्टर के विश्वनाथ के साथ तेलुगु फिल्म सिरिवेनेला की जिसमे उन्होंने अंधे होने का किरदार किया था। इस फिल्म में उनके साथ अदाकारा मुनमुन और कमल हसन की पत्नी सुहासनी हसन थी। जिसमे उन्हें स्टेट अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने कुछ और तेलुगु फिल्मे की। उसके बाद वो मुंबई आ गए और उन्होंने 1993 में कृष्णा किया और उसके बाद 1998 में स्वामी विवेकानंद का किरदार निभाया। वे रामानंद सागर जी के साथ काफी वक़्त तक जुड़े रहे और 1995 के सीरियल अर्जुन , 2001 के जय गंगा मैया , और 2005 के ॐ नमः शिवाय में भी काम किया।
कृष्णा का रोले किसी भी अभिनेता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। तो आईये जानते हैं की सर्वदमन को कृष्णा का रोल कैसे मिला। वर्ष 1993 में कृष्णा धारावाहिक का निर्माण करते समय रामानंद सागर ने सर्वदमन डी बनर्जी को कृष्णा का रोल ऑफर किया। लेकिन सर्वदमन ने ये कह कर मना कर दिया की मेरे अंदर शिव है में कृष्ण को सही से जानता नहीं हूँ। रामानंद सागर जी के बार बार कहने पर उन्होंने जवाब देने के लिए 10 दिन का समय माँगा। वो मन ही मन कृष्ण से प्रार्थना करने लगे की अगर दर्शन दोगे तो आपका काम करूँगा। एक दिन वह ऑटो से वासु भट्टाचार्य के घर जा रहे थे। रास्ते में समुद्र, शाम का समय, समुद्र की लहरें, उस पर गिरती पानी की बूंदे और उस पर नृत्य करते हुए कृष्ण कन्हाई। ये सब देखकर सर्वदमन बेहोश से हो गए। जब होश आया तो उन्होंने ऑटो वाले से ऑटो वापस ले चलने के लिए कहा और इसके बाद उन्होंने कृष्णा के किरदार के लिए हां कर दी। कृष्णा के बाद फिल्म विवेकानंद की और हाल ही में 2016 में आई फिल्म 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' में सर्वदमन ने धोनी बने सुशांत सिंह राजपूत के कोच का भी किरदार निभाया था.
उन्होंने कृष्णा करते समय ही ये तय कर रखा था की वे 45 से 50 वर्ष की उम्र तक ही काम करेंगे उसके बाद जीवन से जुड़े कुछ काम करेंगे। कृष्णा का किरदार अदा करते करते वे माया नगरी छोड़ अद्ध्यात्म की और चल पड़े। आख़िरकार स्वामी विवेकानंद फिल्म करने के बाद आजकल वे फ़िल्मी दुनिया से दूर होकर ऋषिकेश में गंगा किनारे मैडिटेशन कराते हैं। मैडिटेशन कराते कराते उन्हें करीब 24 वर्ष बीत चुके हैं।
मेडिटेशन के अलावा सर्वदमन बनर्जी पंख नाम की एक एनजीओ को भी सपोर्ट कर रहे हैं जो उत्तराखंड में स्लम में रहने वाले करीब 200 बच्चों को आजीविका कमाने में मदद कर रही है गरीबी में रहने वाले 200 बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने में सहायता कर रही है। इसके अलावा ये एनजीओ वहां की शोषित महिलाओं को आजीविका कमाने की स्किल्स सिखा रही है। ये काम वाकई सराहनीय है। जो संतुष्टि सर्वदमन बनर्जी को एक्टिंग करने में नहीं मिली होगी वो शायद इस काम में जरूर मिल रही होगी।
हालांकि सर्वदमन बनर्जी मानते हैं कि अगर उन्हें कोई दमदार रोल मिला तो वो जरूर फिल्म करना चाहेंगे। कपिल शर्मा के शो में रामायण के कलाकार तो आ गए अब इंतजार है श्री कृष्णा के कलाकारों का।
1 टिप्पणियाँ
bahut sundar
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