रामानंद सागर जी द्वारा निर्मित श्री कृष्णा धारावाहिक में शकुनि मामा का किरदार निभाया था जय प्रकाश शर्मा जी ने। जय प्रकाश शर्मा जी का जन्म राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव ठाणी लाडनू में गरीब घर में हुआ था। इन्हे पोलियो है जिसके चलते ये दिव्यांग हैं। विद्यालय में कविता भाषण इत्यादि में भाग लिया करते थे।शिक्षा के दौरान दिव्यांग होने के कारण इनके साथी इन्हे बहुत परेशान करते थे। इस लिए ये पढ़ नहीं सके। इन्होने योग करना और सिखाना शुरू किया। योगा करते करते करते इनको एक मदद मिली की इनको पैरों में हाथ लगा कर नहीं चलना पड़ता था। सही से चल न पाने के कारण लोग इन्हे शकुनि बोलते थे। जब कुछ समझदार हुए तो इन्हे लगा फिल्म लाइन में पैसा अच्छा है। अभिनय के छेत्र में हाथ आजमाने जे पी शर्मा जी सपनो के शहर मुंबई आ गए। यहाँ से इनका स्ट्रगल शुरू हुआ। मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में जे पी शर्मा जी नाईट सुपरवाइजर की पद पर काम करने लगे उसी दौरान ये हिंदी ड्रामा से जुड़े और छोटे छोटे रोल करने लगे। इसी दौरान इनकी भेंट हुई शोले फिल्म के जलाल आगा से। जलाल आगा से इन्होने हिंदी और उर्दू में फर्क करना सीखा। एक दिन एक ड्रामा में उन्होंने किन्नर का रोल किया जिसे काफी पसंद किया गया। इस अभिनय के लिए उन्हें महाराष्ट्र सरकार से बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला। यहाँ से उन्हें रोल ऑफर होने लगे।
इन्हे श्री कृष्णा के वासुदेव यानी की सुनील पांडेय जी ने बड़ौदा जाने का आईडिया दिया था जिसके चलते ये बड़ौदा आ गए। जब ये बड़ौदा आये तो उस समय रामानंद सागर जी के धारावाहिक श्री कृष्णा के महाभारत भाग की शूटिंग शुरू होनी थी। यहाँ उनकी भेट शाहनवाज प्रधान जी से हुई जिन्होंने नन्द बाबा का किरदार निभाया था। शाहनवाज प्रधान जी ने किसी तरीके से इनकी एंट्री ऑडिशन में कराई। ऑडिशन के दौरान सागर साहब ने इनसे कहा की हमारे पास हर किरदार के लिए कम से कम 4 ऑप्शन हैं। इन्होने पुरे कॉन्फिडेंस में बोला आप शकुनि के किरदार के लिए मेरा कॉम्पिटिशन करवा लीजिये जो जीते उसे रोल दे दीजियेगा। लेकिन हां ये कॉम्पिटिशन मैं ही जीतूंगा ये भी बता देता हूँ। उनका ये कॉन्फिडेंस देखकर सागर साहब ने शकुनि मामा का किरदार जे.पी. शर्मा जी को दे दिया। इस धारावाहिक में उन्हें उन्हें प्रति एपिसोड 3500 रूपए मिलते थे। जहाँ से उनका गुजारा चलने लगा।
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