अदब से जो इश्क़ हुआ तो मैं फिर हया बन गयी। जी हाँ हम बात कर रहे रामानंद सागर जी के धारावाहिक श्री कृष्णा में कुंती का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री लता हया जी के बारे में।
नमस्कार स्वागत है आप सब का लेखक की लेखनी में। वीडियो को देखने के बाद जरूर बताएं वीडियो आपको कैसा लगा। अच्छा लगा हो तो लाइक कर दें। चैनल पर नए हों तो सब्सक्राइब पर क्लिक कर घंटी का बटन दबाना न भूलें। लता हया जी एक सुप्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री, समाज सेविका और जानी पहचानी कवित्री हैं। राजस्थान के जयपुर शहर में इनका जन्म हुआ। वर्तमान में मुंबई में रहती हैं। लता हया जयपुर की मारवाड़ी परिवार से हैं। इन्होने अपने अभिनय की शुरुआत टेलीविज़न धारावाहिकों से की थी। लता हया ने श्री कृष्णा धारावाहिक में पांचों पांडवों की माँ कुंती का किरदार निभाया था।
वो धारावाहिकों में अभिनय करने से पहले जयपुर रंग मंच में काफी सारे नाटक, जयपुर रेडियो में अनाउंसर, न्यूज़ रीडर और फिर जयपुर दूरदर्शन में न्यूज़ रीडिंग का काम कर चुकी थी। बचपन से ही उन्हें उनके काम के लिए पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया जाता रहा है। जब वो मुंबई आयी टीवी धारावाहिकों के लिए ऑडिशन दिए, उनका चयन हो गया। शुरुआत उनकी श्री कृष्णा धारावाहिक से हुई। इसके साथ ही सागर साहब ने इन्हे अलिफ़ लैला धारावाहिक में मल्लिका हमीरा का किरदार भी दे दिया। एक ख़ास बात आपको बताते हैं श्री कृष्णा धारावाहिक और अलिफ़ लैला धारावाहिक में आवाज उनकी नहीं है। दोनों धारावाहिक की शूटिंग एक साथ चल रही थी। अलिफ़ लैला की मुंबई में तो श्री कृष्णा की बड़ोदा में। समय कम होने के कारण डबिंग कर पाना मुश्किल था। जिसके चलते डबिंग उनके स्थान पर किसी और ने की थी।
श्री कृष्णा और अलिफ़ लैला करने के बाद उन्हें लगातार धारावाहिकों में काम मिलता रहा। इन्होने जय संतोषी माँ, कश्मकश, अधिकार, कसक, मेरे घर आयी एक नन्ही परी जैसे सुप्रसिद्ध धारावाहिक भी किये। लता हया जी की हिंदी के साथ-साथ उर्दू भाषा में भी पकड़ अच्छी है इसलिए इन्होने ETV उर्दू के धारावाहिक सवेरा में भी काम किया है। अभिनय की दुनिया से थोड़ा अलग हटें तो लता हया जी हिंदी और उर्दू साहित्य का चमकता सितारा हैं। लता जी ने कविता सम्मेलनों और मुशायरों में जमकर भाग लिया जिसके चलते इन्हे विदेश में भी काफी समय रहना पड़ा। इस कारण से इन्हे अभिनय और लेखन में से किसी एक का चयन करना था। इनकी रूचि सबसे ज्यादा लेखन में थी जिसके चलते इन्होने अभिनय को अलविदा कह दिया।
लता हया जी जानी मानी कवित्री हैं। हालाँकि एक्टर्स को एक्टिंग की क्लासेज और भाषा ज्ञान अभी भी देती हैं। इन्होने मॉडर्न अबला शीर्षक के साथ एक पुस्तक लिखी जो मॉडर्न संसार में औरतों की पहचान बताती है। ये पुस्तक हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी है। लता हया जी को विभिन्न छेत्रों में विभिन्न पुरस्कार मिले। उन्हें हिंदी और उर्दू साहित्य के लिए नर्मदा सम्मान, मदर टेरेसा, सलाम इंडिया अवार्ड और नेहरू अवार्ड जैसे पुरस्कार मिल चुके हैं।
फिलहाल वो मायानगरी से दूर सामाजिक कार्यों में व्यस्त हैं। उनका अपना एक यूट्यूब चैनल भी है। वर्तमान में सामाजिक संस्थाओं के लिए काम कर रही हैं और मुंबई में रहती हैं।
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