Ajit Doval Biography in Hindi Jivani - अजीत कुमार डोभाल जीवनी

Ajit Doval Biography in Hindi Jivani - अजीत कुमार डोभाल जीवनी


अजीत कुमार डोभाल एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी है. यू तो कई ऐसे आईपीएस अधिकारी है, जो अपनी पूरी सेवाएँ देने के बाद सेवानिवृत्त हो गए, पर अजित जी का नाम आज भी भारत के सुरक्षा मुद्दो पर अग्रणीय है, इसका कारण इनका प्रधान मंत्री जी का प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होना है. इन्होने अपने कैरियर में कई बार भारत के सुरक्षा मुद्दो पर अग्रणीय भूमिका निभाई, पूर्व में हुई 
सर्जिकल स्ट्राइक और अभी हाल में हुई पाक आतंकियों पर भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक कार्यवाही में भी इनकी अहम भूमिका रही है. अजीत जी के जीवन और उनके करियर के बारे में संपूर्ण जानकारी हमने अपने आर्टिकल में उपलब्ध कारवाई है, जिससे लोग उन्हे और भारतीय सुरक्षा में उनकी भूमिका को अच्छी तरह से समझ सकें. 

जन्म और प्रारंभिक जीवन (Birth and Early Life Information) –    

अजीत कुमार डोभाल का जन्म साल 1945 में हुआ था. इनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल नामक जगह पर एक गढ़वाल परिवार में हुआ था. इन्होने इनकी शुरुआती शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की और फिर इसके बाद इन्होने आगरा विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए कर स्नाकोत्तर की उपाधी ली और फिर आईपीएस की तैयारी में जुट गए. अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अजित जी 1968 में आईपीएस के लिए सिलेक्ट हो गए. इन्हे अपनी प्रथम न्युक्ति केरल कैडर में मिली और यही से इनके कैरियर की शुरुआत हुई.

अजीत डोभाल करियर (Career and Interesting Facts) –

डोभाल जी का कैरियर शुरू तो एक आईपीएस अधिकारी के रूप में हुआ, यहां पर इन्होने अपना बेहतरीन प्रदर्शन देते हुये आज ये 73 वर्ष की आयु में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यरत है. इनका शुरुआत से लेकर अब तक का कैरियर इस प्रकार है –

  • अजीत डोभाल ने अपनी शुरुआती कमान केरल कैडर में 1968 में संभाली. इस दौरान पंजाब और मिजोरम में हुये उग्रवाद विरोधी आंदोलन में ये सक्रीय रूप से शामिल थे. मिजोरम में अजीत जी मिज़ो नेशनल फ्रंट को शक्तिहीन किया और वहां शांति की स्थापना की.
  • इसके बाद साल 1999 में कंधार में आईसी-814 में यात्रियों के अपहरण के मुद्दे पर अजीत जी उन 3 अधिकारियों में से एक थे, जिन्होंने रिहाई के मुद्दे पर देश की ओर से बात की थी. इसके अलावा अजीत जी को 1971 से 1999 तक हुये सभी 15 हाईजेकिंग में शामिल होने का अनुभव प्राप्त है.
  • अजीत जी एक दशक से भी अधिक समय तक आईबी के संचालन विंग का नेतृत्व करने का अनुभव प्राप्त है. इसके अलावा सजीत जी को मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) और जाइंट टास्क फोर्स ऑन इंटेलिजेंसी के संस्थापक अध्यक्ष भी है.
  • अजीत जी ने आतंक निरोधी कार्यो के लिए भारत के तीसरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन के द्वारा ट्रेनिंग भी प्राप्त की हुई है.
  • पंजाब में रोमानियों के रेसक्यू के समय भी अजीत जी की भूमिका अहम थी, साल 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के पहले इन्होने स्वर्ण मंदिर में प्रवेश कर महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित की थी.
  • अजीत जी मिज़ो नेशनल आर्मी के साथ बर्मा और चीन की सीमा के अंदर एक बहुत लंबा समय बिताया. मिज़ो नेशनल फ्रंट के विद्रोह के समय भी इनका प्रदर्शन यादगार था.
  • अजीत डोभाल ने एक बहुत लंबा समय करीब 7 साल तक पाकिस्तान में अपना धर्म बदलकर गुजारा, इस दौरान इन्होने भारतीय सुरक्षा एजेंसीयों के लिए कई सारी महत्वपूर्ण जानकारीयां भी एकत्रित की.
  • अजीत जी साल 2005 में जनवरी के महीने में इंटेलेजेंसी ब्यूरो के डाइरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुये. इसके बाद साल 2019 में ये विवेकानंद इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष बने.
  • साल 2009 से 2011 तक इन्होने “इंडियन ब्लैक मनी अब्रोड इन सीक्रेट बैंक एंड टैक्स हैवन” नाम के बनी रिपोर्ट के संपादन में योगदान दिया और वे बीजेपी के इस अभियान का महवपूर्ण हिस्सा बने.
  • साल 2014 में अजीत जी के कैरियर का एक अहम मोड आया और ये भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में न्युक्त हुये.
  • साल 2014 में ही अजीत जी ने उन 46 भारतीय नर्सों की रिहाई में महवपूर्ण भूमिका निभाई, जो इराक में फसी हुई थी और जिनके परिवारों ने भी इनसे अपना संपर्क खो दिया था. इसके लिए ये स्वयं इराक गए और गुप्त मिशन पर कार्य किया.
  • अजीत जी ने सेना प्रमुख के साथ म्यांमार के बाहर चल रहे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, यह अभियान 50 आतंकवादियों को ढेर करते हुये एक सफल अभियान साबित हुआ था.
  • अजीत डोभाल को पाकिस्तान के संबंध में भारतीय सुरक्षा नीतियों में बदलाव करने का श्रेय भी प्राप्त है. साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में अजीत जी कि भूमिका को भी अहम माना जाता है, कहा जाता है कि इन्ही की योजना से भारत अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुआ है.
  • साल 2018 में इन्हे स्ट्रेटेजिक पॉलिसी ग्रुप का अध्यक्ष भी न्युक्त किया गया है. इसके अलावा अभी हाल ही में पुलवामा आतंकी हमला
    के जवाब में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गई जवाबी कार्यवाही में भी अजीत जी की भूमिका को अहम बताया जा रहा है. और इसके बाद पाकिस्तान की और से की जाने वाली कार्यवाही के लिए भी हिंदुस्तान की सेना को तैयार रखने की ज़िम्मेदारी में भी इन्होने सेना प्रमुखों के साथ मिलकर कमान संभाली हुई है.

अजीत डोभाल जी को प्राप्त अवार्ड्स (Awards) –

  • अजीत जी अपनी उम्दा सेवाओं के लिए पुलिस मेडल पाने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे. उन्हे उनकी सेवाओं के मात्र 6 साल बाद यह मेडल दिया गया था.
  • इसके बाद अजीत जी को प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी नवाजा गया है. यह मेडल प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चयनित अधिकारी को उसकी वीरता या प्रतिष्ठित सेवा के लिए राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है.
  • साल 1988 में अजीत जी ने दूसरे सबसे बड़े सर्वोच्च वीरता पुरुस्कार कीर्ति चक्र भी प्राप्त किया है.

आज 73 वर्ष की उम्र में भी भारतीय सीमा सुरक्षा की ज़िम्मेदारी में अजीत जी ने अहम भूमिका निभाई हुई है. इस पद पर पंहुचने और इस ज़िम्मेदारी को उठाने के लिए इन्हे ना जाने इम्तिहानों का सामना करना पढ़ा होगा. हमारी सुरक्षा के लिए हमारे जवानो की शहादत तो अविस्मरणीय है. अजीत जी उन लोगों में से एक है, जो सीमा पर ना रहकर भी हमारी सुरक्षा के लिए साल में 12 महीने, सप्ताह में 7 दिन और दिन में 24 घंटे लगे हुये है. अजीत जी के प्रयासो और जजबे को हमारा सलाम है 


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