बिना समस्या बताए लोगों के मन की बात को पढ़ लेना। व्यक्ति को देखकर उसकी भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी जान लेना फिर समस्या का समाधान भी बता देना। आधुनिक दुनिया में यह चमत्कार बाबा बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के नाम से मशहूर धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) करने का दावा करते हैं। इंसान की समस्याओं को उससे बिना पूछे धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री कागज पर लिख देते हैं और बिना बताए ही लोगों के मन की बात भी जान लेते हैं। यह दावा लाखों की संख्या में मौजूद धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री के भक्त करते आए हैं।
मध्य प्रदेश में मौजूद बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सोशल मीडिया से लेकर टेलवीजन तक हर तरफ छाए हुए हैं। भक्तों की मानें तो गुरुजी पर भगवान हनुमान जी की असीम कृपा है, दिव्य दरबार में भगवान हनुमान जी और दिव्य शक्तियों उनको प्रेरणा देती है। मौजूदा वक्त में लाखों लोग देश विदेश से बागेश्वरधाम आ रहे हैं। यह बाला जी को समर्पित भगवान का मंदिर है। इस मंदिर के पीछे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि है। इस जगह पर धीरेंद्र गर्ग भी भागवथ कथा का कई बार आयोजन कर चुके हैं। इसके बाद यह मंदिर बागेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज के समय लोग अपनी जिंदगी से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बागेश्वर धाम आते हैं और बाबा उन्हें उनकी परेशानियों से निजात दिलाने का दावा करते हैं। आखिर ये धीरेन्द्र शास्त्री हैं कौन ?
गरीबी में गुजारा बाबा ने अपना बचपन
15 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर में जन्मे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बचपन अति गरीबी में बीता। एक कच्चे मकान में उनका पूरा परिवार रहता था। उनके मां का नाम श्रीमति सरोज और उनके पिता का नाम पंडित श्री रामकृपाल गर्ग है।
बताया जाता है कि वो बचपन से काफी होशियार थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। उनके पिता पुरोहित गिरी के जरिए अपना परिवार चलाते थे। जब गांव में इनके परिवार के चाचा और कुछ लोगों ने पुरोहित गिरी का काम आपस में बांट लिया तो महाराज का परिवार आर्थिक संकट से घिर गया। उनकी माता सरोज को भैंस से दूध बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ा।
बचपन से ही धीरेंद्र शास्त्री लोगों को प्रभावित करने में माहिर हो गए। वो कम उम्र में ही गांव में लोगों के बीच बैठकर कथा सुनाने लगे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मानें तो उन्होंने 8-9 वर्ष से ही बागेश्वर बालाजी की सेवा शुरू कर दी थी। जब वो 12-13 वर्ष के थे तो उन्हें यह अनुभव होने लगा कि उनपर बागेश्वर बालाजी की विशेष कृपा है। साल 2009 में उन्होंने अपनी पहली भागवत कथा सुनाई थी।
नेता भी होते हैं बाबा के आगे नतमस्तक
गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त से धीरेंद्र शास्त्री काफी प्रसिद्ध हो गए। इसके पीछे सोशल मीडया का अहम योगदान रहा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शहरों में जा-जाकर श्रीराम कथा के साथ अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाते हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर में दरबार लगाया था। इस दरबार में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीसव के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी पहुंचे थे। बता दें कि की देश के कई राजनेता बागेश्वर धाम में हाजिरी लगा चुके हैं।
आखिर क्यों फंस गए बाबा विवादों में?
इस दिव्य दरबार को लेकर नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने दे दिया। समिति के संस्थापक श्याम मानव अपने द्वारा दूसरे कमरे में रखी गई 10 वस्तुओं की जानकारी देने का चैलेंज और उसके पू
रा होने पर 30 लाख रूपए दिए जाने का चैलेंज दिया गया। हालांकि, बाबा ने चैलेंज को स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार (20-01-23) को धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर के अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव की चुनौती को स्वीकार कर शुक्रवार को श्री हनुमान मंदिर मैदान गुढ़ियारी में दरबार लगाया। इस दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि यहां आकर हमें आजमा लें।
दरअसल, अंदश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर जादू-टोना और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया है। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में बाबा जादू टोना को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके अलावा, घर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने,ल धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि वो संविधान के अनुसार धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर हनुमान भक्ति करना गुनाह है तो सभी हनुमान भक्तों पर एफआईआर होनी चाहिए।
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